मई में भारतीय मुद्रा बाजार में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले. अमेरिका से लेकर एशिया तक की नीतिगत गतिविधियों ने घरेलू मुद्रा को प्रभावित किया. क्या ये गिरावट अस्थायी है या आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है? जानिए क्या कह रहे हैं आंकड़े.